Neerh Ka Nirman Phir (Hindi Edition)
Description:
प्रख्यात हिन्दी कबि हरिवंशराय 'बच्चन' की आत्मकथा का पहला खंड, "क्या भूलूँ क्या याद करूँ" जब 1969 से प्रकाशित हुआ तब हिन्दी साहित्य में मानो हलचल मच गई । यह हलचल 1935 से प्रकाशित "मधुशाला" से किसी भी प्रकार कम नहीं थी l अनेक समकालीन लेखको ने इसे हिन्दी के इतिहास की ऐसी पहली घटना बताया जब अपने बारेमें इतनी इतनी बेबाकी से सब कुछ का देने का साहस किसी ने दिखाया । इसके बाद आत्मकथा के आगामी खंडों की बेताबी से प्रतीक्षा की जाने लगी और उन सभी का जोरदार स्वागत होता रहा। प्रथम खंड " क्या भूलूँ क्या याद करूँ " के बाद नीड़ का निर्माण फिरा, "बसेरे से दूर" और " 'दशद्वार से 'सोपान' तक" लगभग पंद्रह वर्षों से इसके चार खंड प्रकाशित हुए । बच्चन की यह कृति आत्मकथा साहित्य की चरम परिणति है और इसकी गणना कालजयी रचनाओं में की जाती है ।
Low Price Summary
Top Bookstores
We're an Amazon Associate. We earn from qualifying purchases at Amazon and all stores listed here.
DISCLOSURE: We're an eBay Partner Network affiliate and we earn commissions from purchases you make on eBay via one of the links above.
DISCLOSURE: We're an eBay Partner Network affiliate and we earn commissions from purchases you make on eBay via one of the links above.
Want a Better Price Offer?
Set a price alert and get notified when the book starts selling at your price.
Want to Report a Pricing Issue?
Let us know about the pricing issue you've noticed so that we can fix it.